ठेका कर्मियों के वेतन के लिए जिम्मेदार नहीं हैं BSNL और MTNL: रवि शंकर प्रसाद

बीएसएनएल और एमटीएनएल में ठेके पर काम कर रहे कर्मचारियों को अपनी चिंता खुद करनी पड़ेगी। आइटी व टेलीकॉम मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने गुरुवार को संसद में बताया कि इन दोनों कंपनियों में जो भी कर्मचारी ठेके पर काम कर रहे हैं, उन्हें वेतन व अन्य भत्तों का भुगतान करने की जिम्मेदारी ठेकेदारों की है, इन दोनों कंपनियों की नहीं। प्रसाद सरकारी टेलीकॉम कंपनियों भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) को लेकर पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे।


टेलीकॉम मंत्री ने दो-टूक कहा कि ठेका कर्मचारी उन ठेकेदारों के कर्मी हैं, जिन्हें बीएसएनएल या एमटीएनएल ने विशेष उद्देश्यों की पूर्ति की जिम्मेदारी दी है। उनके ठेकों का नवीकरण कंपनी की जरूरतों पर निर्भर करता है, जो हो भी सकता है और नहीं भी हो सकता है। हमें इससे कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन जहां तक उन कर्मियों को वेतन भुगतान की बात है, तो यह पूरी तरह से उन ठेकेदारों की जिम्मेदारी है।


प्रसाद ने बताया कि बीएसएनएल और एमटीएनएल की वीआरएस बेहतरीन है। यही वजह है कि अब तक बीएसएनएल के 79,000 कर्मी इसके लिए आवेदन कर चुके हैं। एमटीएनएल के 20,000 में से 14,000 कर्मचारियों ने अब तक वीआरएस के लिए आवेदन दाखिल कर दिया है। एक अन्य सवाल के जवाब में प्रसाद ने दोहराया कि बीएसएनएल और एमटीएनएल देश की रणनीतिक संपत्तियां हैं। इसलिए सरकार ने इनके पुनरोद्धार का फैसला किया है।


इस बीच, टेलीकॉम क्षेत्र के सूत्रों का कहना है कि दूरसंचार विभाग (डीओटी) स्पेक्ट्रम नीलामी की योजना को अगले महीने अनुमोदन के लिए कैबिनेट के पास भेज सकता है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक 5-जी और अन्य स्पेक्ट्रम की नीलामी अगले वर्ष मार्च में लक्षित है।